Friday, May 27, 2022

दामन थाम के...!!!

 तेरा गम है कोई या फ़िर दर्द,

रात कटती है कालेजा थाम के ।।

ये चुपके चुपके सिस्किया कौन लेता है,

सब के सन्नाटे का दामन थाम के ।।

आज तक समझा न मेरे दर्द को कोई

ये हमदर्द भी रहे हमदर्द नाम के ।।


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