एक तेरी चाहत है मौला
और एक मेरी चाहत है।
मेने बहुत चाहा के वो मेरी
पर खुद को सुपर्द ना कर सका
उसके जो तेरी चाहत है।
तो तूने थका दिया मुझे
उसमे, जो मेरी चाहत है।
मेरे मौला मेने ना फ़रमानी की
उससे, जो तेरी चाहत है।
मगर वो तू ही है जो बक्श दे
मुझको, वो जो मेरी चाहत है।
क्योकि होना तो वही है
जो तेरी चाहत है।
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