Wednesday, May 22, 2019

मेरी डायरी से :- हनेरे पे चाँदण ..

हनेरे पे चाँदन लिखना हैं। 
मुझे तेरा नाम सज्जण लिखना हैं। 

देख तेरी मुझपे कुछ उधारी है। 
बस आगे की बात भरी हैं। 

ऐसे तो ज़ालिम तोहीन ना कर ,
ऐसे क्यों मेरी जान खारी हैं। 



May 22, 2019
Written by :- Honey A. Dhara
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Sunday, May 19, 2019

मेरी डायरी से :- तो मज़ा आ जाये...

हनी जो मैं रूठा रब मनाऊ ,
और दिल ये मन्दिर हो जाये। 
तो मज़ा आ जाये। 

अगर मैं तेरी दुआ हो जाऊ ,
और तू मेरी पूजा हो जाये। 
तो मज़ा आ जाये। 
Written by :- Honey A. Dhara
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मेरी डायरी से :- मख़लूत हरफ़ सा लगे...

कागज़ पे उतरा वरक सा लगे। 
तेरा इश्क़ हनी, मख़लूत हरफ़ सा लगे। 
जिसे पढ़ना भी आसान नहीं ,
और भूलना भी आसान नहीं।

Written by :- Honey A. Dhara
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मेरी डायरी से :- धुंधला सा चाँद...

आज धुंधला धुंधला सा चाँद का चेहरा देखा। 
जो देखा था कभी उनकी आँखों में ,
वो ही माज़रा देखा। 

Written by :- Honey A. Dhara
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