Sunday, May 19, 2019

मेरी डायरी से :- मख़लूत हरफ़ सा लगे...

कागज़ पे उतरा वरक सा लगे। 
तेरा इश्क़ हनी, मख़लूत हरफ़ सा लगे। 
जिसे पढ़ना भी आसान नहीं ,
और भूलना भी आसान नहीं।

Written by :- Honey A. Dhara
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