Monday, February 3, 2020

पंख तो दिए पर छीन लिए।

मैंने अपने सब सपने कील लिए।
. . . खैर छोड़ो उसका क्या ?
मेरी आँखे जागे बिन नींद लिए।
. . . खैर छोड़ो उसका क्या ?
हम आँखे मुंध कर चले तेरे कदमो पर,
तूने मुझसे मेरे रास्ते छीन लिए
. . . खैर छोडो उसका क्या ?
मगर हदिशा तो ये रहा हमरे साथ,
तूने पंख तो दिए पर छीन लिए। 
. . . खैर छोडो उसका क्या ?

Written by :- Honey A. Dhara
February  03  , 2020
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