Monday, May 30, 2022

अधूरा इश्क़ P3

 एक ये भी जुर्म है मेरे फर्दे गुनाह में ।।

दो चार दिन रहा था मैं तुम्हारी निग़ाह में ।।


कांटे बिछाए लाख जमाने में राह में,

दीवाने फिर भी पहुंचे तेरी बारगाह में ।।


अशोक साहनी



1 comment:

Anonymous said...

Keep it up dude...