Friday, September 30, 2022

खुद को कैसे सितारा करें

 तुझको रोशन रखे और उजाला करे ।

किस तरह हम खुद को सितारा करें ।।

कहने वाले तो ये भी कहते है,

हम मोहब्बत नहीं दिखावा करें ।।


फिक्र जिसको नहीं हमारी कोई,

किस लिए फिर उसको हम पुकारा करे ।


जब नहीं बना सादगी से काम 

हम ने खुद को कहा दिखावा करे ।


उनसे रखना ही क्यों तवक्वो कोई,

अपना मुश्किल से जो गुजारा करें ।।

Friday, September 23, 2022

ज़िन्दगी P। 25

मैं तेरी ज़िन्दगी से कुछ यूं चला जाऊंगा मेरी जान...

जैसे हादसों में जान चली जाया करती हैं....!!

Thursday, September 22, 2022

 अगर ये जीवन मेरे बस में होता...

कसम खुदा की...

तेरे इंतजार में सदियां गुज़ार देते हम...

 मेरे पास मेरा अपना कुछ नही था ,,,

रही बात तुम्हारी,,,

तू भी तो किसी और की थी...!!

ये आंशुओ की जकात आखिर मुझ पर ही क्यों है...

तू भी कुछ अदा कर, मोहब्बत तो तुझे भी थीं ...!

 उसके किए ये रोज़ का खेल हैं...

एक दो बातो में दो चार को अपना बना लेना

 ये चांद, सितारे, रात, मोहब्बत, मोसम सब तुम्हारे...

मगर जो हवा तुझे छू ले वो मेरी होंगी...!!!

 हवाओ के सुपुर्द रखे हुए चिराग़ थे.. 

जो बूझ गए हो तो दोष किनका...

 कभी कैफ का अवतार हूं, कभी शौंक से भरा हूं ।।

खुदा जानें किस का दर्द हूं किस की चाहत हूं ।।


Tuesday, September 13, 2022

  1. Topics to write...
  2.  जिंदगी याद का खंडहर लगे
  3. बेवजह रोने लगता हूं कभी कभी
  4. मेरी उदासी से फर्क पड़े 
  5. मुझे खुद पर इस कदर तरस आता हैं 

 याद तू आया ओय हनी

हम जहां भी गए...

भूलने तुझ को बता

हम कहा नहीं गए...

Honey Awara Shayar

बिछड़े भी नहीं ।

मिले भी नहीं ।।

अजीब फूल थे

जो खिले भी नहीं ।।


 कहनी लिखते हुऐ,

दास्तान सुनाते हुए,

वो सो गया हनी मुझे

ख्वाब से जगाते हुए 

मेरी डायरी से P 22

कुछ चीज़े टूटी हुई अच्छी लगती हैं...

ओय आवरा जैसे तेरी खामोशी...

ज़िन्दगी P 20

ना कलमा याद आता हैं..

ना दिल लगता है ननाज़ो में एक बार..!!

कुफर बना दिया हैं हम सबको..

महज़ दो दिन की मोहब्बत ने यार..!!

Meri dayri se

 हम तो मोहब्बत ऐ अदब के पाबंद है यार,

हमे नहीं आती किसी इंसान से नफरत करना..।।

Sunday, September 4, 2022

 ना रख उम्मीद के वो आयेगा

अंजान शहर के पराए लोगो में कोन अपना।।


फांकों से तंग आ कर अंगूठी भी बेच दी हमने..

गुरबत का सांप तेरी निशानी भी निगल गया ।।

 मुझ को चाहते अगर तो मुझ को पाते तुम..

मगर मुझको हर रोज परख कर गवाया तुमने ।।

 शायर होने का नुकसान भी खूब हुआ।।

हमे कहा मोहब्बत है..

उसने वाह वाह कह दिया

 इतना बता दी दो मै कैसे साबित करु

के तुम बहुत याद आते हों

शायरी तुम समझते नहीं और

 उदासी हमे आती नहीं 

 उसने पूछा क्या पसंद है तुम्हे..

मैं बस एक टक उसे देखता रहा

 सबने पकड़ी राह अपनी अपनी मंजिल की...

और एक हम थे जो तेरा रास्ता देखते रह गए...

 ना वो सूरत दिखाते है ना मिलते है गले आकर


ना आंखे शाद होती है ना दिल मसरूर होता हैं ।।

 मोहब्बत तो सच ही है मुर्शद...।।

बस कुछ लोग झूठे निकल जाते हैं ।।

तुम्हारे बग़ैर हाल कुछ ऐसा हैं ।।

जैसे कोई पढ़ा लिखा नौजवान बेरोजगार बैठा हो

Saturday, September 3, 2022

तुम क्या जानो...

अक़्ल हमारी मारी है तुम क्या जानो ।
ख़ुद से जंग ही जारी है तुम क्या जानो ।।

आज का दिन भी सारा गुज़रा रो रो कर
आज की रात भी भारी है तुम क्या जानो ।।