अक़्ल हमारी मारी है तुम क्या जानो ।
ख़ुद से जंग ही जारी है तुम क्या जानो ।।
आज का दिन भी सारा गुज़रा रो रो कर
आज की रात भी भारी है तुम क्या जानो ।।
तुम पे जिस्म नहीं हमने, मेहसूस किया
तुम पे जान भी वारी है तुम क्या जानो ।।
जिस्म से ले रूह तक जज्बे पढ़ लेता,
दिल इक ऐसा क़ारी है तुम क्या जानो ।।
जिसको कहती सारी दुनिया आसानी
उस में ही दुश्वारी है तुम क्या जानो !!
ख़ुशियों से अनबन होना फिर लाज़िम है
दर्द से की जो यारी है तुम क्या जानो !!
J.A Khatri
1 comment:
Behad khoobsurat
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