Friday, December 9, 2022

 गीले बहुत थे मगर बार बार क्या करते..!!

तेरी ही ज़फ़ा पे तुझे शर्सार क्या करते ...!!

Tuesday, December 6, 2022

गर्मी पर आ गयी हैं

 गर्मी पर आ गयी हैं नज़र चस्मे यार की ।

तक़दीर लड़ गयी है दिल दाग दार की ।।


मज़बूरिया हयात की, सबर आजमा नहीं,

लग जाती है कभी नज़र भी इख़्तेयार की ।।


शर्मिंदा और गुन्हा की इज़त न पूछिये,

शर्मिंदगी से बनी बात फिर शर्मशार की ।।


सागर छलक उठेंगा अभी महताब का,

हसरत से ताक रही नज़र मयगुसार की ।।

 छोड़ दे ऐ दिल...

मुहब्बत का ख्याल अच्छा नहीं ||

काम अच्छा है मगर...

मुहब्बत का मलाल अच्छा नहीं ||