Monday, March 6, 2023

अब आरज़ू -ए राहते क़ल्बो नज़र गयी

मरहूम दिलके साथ हर उम्मीद मर गयी

क्या पूछते हो हमारी जवानी की दास्ताँ

एक मौजे बेक़रार थी आई गुज़र गयी

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