कितना दूर मेरा दरवेश....
बताएँगे आहिस्ता आहिस्ता ।।
कितना नज़र में फरेब....
बताएँगे आहिस्ता आहिस्ता ।।
बर्बते दिल कलेजे पर शमा जलाए रखना ,
कितना वो खफ़्फरी भेष....
बताएँगे आहिस्ता आहिस्ता ।।
फ़रिश्ते झूम उठेंगे मिट्टी की देह पर,
कितना आफ़री, कितना काफ़री देख...
बताएँगे आहिस्ता आहिस्ता ।।
जमीन कैसे जा मिली आसमान में हनी,
कितना शफ़री कितना नेक....
बताएँगे आहिस्ता आहिस्ता ।।
Written By :- Honey D. Awara
"Munakhiya"
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