अपने हस्र-ओ-हाल पे रोना आता हैं ।
ऐ जिन्दगी तेरे कमाल पे रोना आता हैं ।।
ये बेतुकी बाते, ये बेवजह इल्जाम,
मुझे तुम्हारे तरीके - ताल पे रोना आता हैं !!
बर्फ की तज्विज़ है ज़रा दहक के चल हनी,
बर्फ की इस माज़ल पे रोना आता हैं ।।
सुना के दुःख दीए को दिनभर के,
फिर इस मलाल पे रोना आता हैं ।।
Written By Honey A. Aawara
1 comment:
Behtreen....
Khoobsurat
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