तेरे बाद_किसी को_प्यार से
देखा नहीं हमनहमेंइश्क का __शौक हैं।
आवारगी का नहीं
मान जाओ न अब कि चाँद को चाँद देते हैं
तुम्हे तो पता है यार तुम पर जान देते हैं।
तुम्हे तो पता है यार तुम पर जान देते हैं।
हिज्र की धूप में छाँव जैसी बातें करते हैं
आँसू भी तो माओं जैसी बातें करते हैंअज़्मे सफ़र हमारा कभी रायगाँ न हो
हम जिसको ढूंढते हैं जहाँ वो वहाँ न होइक आदत सी पड़ी है सब ठीक है कहने की,
इक आदत सी पड़ी है सब कुछ ही सहने की...