Saturday, December 22, 2018

मुझे आज़माते है ! - Written by Honey A Dhara

वो अक्शर मुझे आज़माते है !
मेरी तहज़ीब मुझे याद दिलाते है !

मैं दामन फैलाऊँ आसमाँ सा ,
वो मुझे क़तरा मिट्टी का समझ उड़ाते है !

हर बार उनकी अदा में ताज़गी होती है '
जुल्फे बसन्त बन, मचलरी होती है !

मै बन पानी रंग मिलना चाहू किनारो से,
वो मेघ बनकर बूँद सा मुझे फलक से गिराते है !

Dec. 22, 2018
 Written by Honey A Dhara
honeyadhara.blogspot.com

No comments: