के दोस्ती की मिसाल बताऊ ,
अर कितने उनके एहसान गिनाऊ !
ज़िद्द के घणे पक्के हो ,
पर दिल के बड़े सच्चे हो !
दोस्तों की हर बात निराली हो जा ,
अर जेठ की दोपहरी में छाँ निराली हो जा !
दोस्ती का रूप हर दफ़ा अलग हो जा ,
कभी मौर्य तो कभी अंतोष हो जा !
यार तम याद तो बहुत आओ ,
अर अकेले बैठे हुए को भी बहुत हसाओ !
परमिंदर हाल न समझे,
तो कभी सोनू हो जा !
याद है तुम्हे जब कॉलेज कैम्प में जावे थे,
40 रुपए की थाली में सारे खावै थे !
सचिन तो मेरी खातर ढलान बाण जा ,
अर मेरी मंजिल में, वो आश बाण जा !
06/12/2018
Written by Honey A. Dhara
अर कितने उनके एहसान गिनाऊ !
ज़िद्द के घणे पक्के हो ,
पर दिल के बड़े सच्चे हो !
दोस्तों की हर बात निराली हो जा ,
अर जेठ की दोपहरी में छाँ निराली हो जा !
दोस्ती का रूप हर दफ़ा अलग हो जा ,
कभी मौर्य तो कभी अंतोष हो जा !
यार तम याद तो बहुत आओ ,
अर अकेले बैठे हुए को भी बहुत हसाओ !
परमिंदर हाल न समझे,
तो कभी सोनू हो जा !
याद है तुम्हे जब कॉलेज कैम्प में जावे थे,
40 रुपए की थाली में सारे खावै थे !
सचिन तो मेरी खातर ढलान बाण जा ,
अर मेरी मंजिल में, वो आश बाण जा !
06/12/2018
Written by Honey A. Dhara
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