Tuesday, December 4, 2018

मेरे क़रीबी शहरो का, कोई हाल तो जानो ! Written by Honey A. Dhara

सर्द  गर्म लहरों का
मेरे क़रीबी शहरो का,
कोई हाल तो जानो !



आशिया आसमानो का
आशरा भगवानों का
और छावा है सितारों का !
 पटरी पर सोने वालो को तो  जानो !

नंगे पैरो से,
रोज़ गुज़रे मेरे गलियारों  से
अश्को को पी कर,
खुश्क लबो को पूछ कर
कोई उनकी फ़रियाद  जानो !

मेरे क़रीबी शहरो का,
कोई हाल तो जानो !


  Dec. 04, 2018
  Written by Honey A. Dhara

No comments: