सर्द गर्म लहरों का
मेरे क़रीबी शहरो का,
कोई हाल तो जानो !
आशिया आसमानो का
आशरा भगवानों का
और छावा है सितारों का !
पटरी पर सोने वालो को तो जानो !
नंगे पैरो से,
रोज़ गुज़रे मेरे गलियारों से
अश्को को पी कर,
खुश्क लबो को पूछ कर
कोई उनकी फ़रियाद जानो !
मेरे क़रीबी शहरो का,
कोई हाल तो जानो !
Dec. 04, 2018
Written by Honey A. Dhara
मेरे क़रीबी शहरो का,
कोई हाल तो जानो !
आशिया आसमानो का
आशरा भगवानों का
और छावा है सितारों का !
पटरी पर सोने वालो को तो जानो !
नंगे पैरो से,
रोज़ गुज़रे मेरे गलियारों से
अश्को को पी कर,
खुश्क लबो को पूछ कर
कोई उनकी फ़रियाद जानो !
मेरे क़रीबी शहरो का,
कोई हाल तो जानो !
Dec. 04, 2018
Written by Honey A. Dhara
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