Tuesday, April 14, 2020

कोई इमाम नहीं होता !

मुझपर गुनाह लाख मगर, 
वाजिब मेरा एक इल्ज़ाम नही होता !
यारों दोस्ती में क्या दीन और क्या धर्म,
इसमें तो कोई इमाम नहीं होता !
कोई बात है जो फाँस बनकर चुभी सिने में,
इसलिए परमिन्दर को हम से कोई काम नहीं होता !
रोक लिए हल्कि सी आहट से चरन,
खैर छोडो, ये खूलाशा सरेआम नहीं होता !
और बात रूकी हैं अब जिरह पर, 
यहाँ मुफ्लिशी में बताओ कौन बदनाम नहीं होता !
वो कहते है कि टूटे धागा तो गाठ पड जाये, 
ऐसे ही दोस्ती में फिर ऐहतराम नहीं होता !



Written by :- Honey A. Dhara
April  14 , 2020
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Monday, April 13, 2020

नहीं आता। by #Honey_Awara_Shayar

क्या वाकई तुझे मेरा एहसास नहीं होता। 
क्या वाकई में तेरे ख्वाबो में नहीं होता। 

मिट्टी बाँध कर.. by #Honey_Awara_Shayar

आज एक कबुतर उड़ाया,
पैरो में चिठ्ठी बाँध कर। 
वो बैरण माँगती है मुझे,
हाथो की मुट्ठी बाँध कर।।

फर्जी निकले honeyawara


उसके सब नाजो अदा,
सब पहरन, फर्जी निकले !

Friday, April 3, 2020



हम इश्क़ में आख़िर रहे कितने दिन।
आधा साल यानी अँगुली पर गिनती के ,
कुछ महीने और कुछ दिन। 

ये सोच कर मेरा जहन उलझ रहा है। 
बदन बनकर नरम गोसा उधड़ रहा हैं। 

Written by :- Honey A. Dhara
April  03  , 2020
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