Monday, April 13, 2020

मिट्टी बाँध कर.. by #Honey_Awara_Shayar

आज एक कबुतर उड़ाया,
पैरो में चिठ्ठी बाँध कर। 
वो बैरण माँगती है मुझे,
हाथो की मुट्ठी बाँध कर।।


और होती है जिनकी पतंग ऊँचाई पर,
वो अक्षर रखते है धागो पर,
काँच माँझ कर।।

और बड़ा नाज़ुक है हनी तेरा जख्म,
दरारें इसमें जो की त्यों हैं,
अभी कुछ दिन रख इसपर, 
मिट्टी बाँध कर।।  


Written by :- Honey A. Dhara
April 14, 2020
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