Sunday, July 31, 2022

बेवफ़ा कर दे

 ज़मीं पे चाँद, बताएँ कि कैसे लाकर दें।

यही है अच्छा, कि हम प्यार से मना कर दें ।।

जिंदगी.. P 11

 मेरे ख्याल से...

अब हम तेरे ख्याल से भी गए..!!!

मेरी डायरी से

मैं उसे देखता रहा वो मुझे देखते रहे...
मैं जागता रह गया वो मेरी आगोश में सो गए ।।

क्यों ना अब बेफिक्र होकर सोया जाए ..!!
अब बचा ही क्या है जिसे खोया जाए...!!

मेरी डायरी से P 10

 सितम तो इतने है की..

चाय ना होती अगर तो

पक्का शराबी होते...!!


ज़िन्दगी P 10

मेरे चाहने वालों को, मेरे टूटे दिल की ख़बर हैं ।।
पर तुझे ख़बर नहीं होंगी ये पक्की खबर हैं ।।

Saturday, July 30, 2022

जरूरी है

 खामोश रहना है या बोलना ज़रूरी है ।
हमारे दरमेया कोई फैसला जरूरी है ।।

तमाम उम्र जिसे देख भी नहीं पाए,
क्या तमाम उम्र उसे सोचना ज़रूरी है ।।

उसी के चेहरे पर हमारी आंखें रह जाए,

क्या किसी को देखना भी इतना ज़रूरी हैं ।।

और ही कुछ हैं

 इक सहर नहीं हुस्न तेरा और ही कुछ हैं।।

ये नाज़, ये गमज़ा, ये अदा और ही कुछ हैं।।

Friday, July 29, 2022

जिंदगी P 10

 सारा आलम "हूं" का हैं !!

झगड़ा "मैं" और "तू" का हैं !!

देख dekh

 




जिंदगी P ९

देनी हैं तो दीजिए रूह तोफै मै...
जिस्म तो तेरा भी खाक हैं
मेरा भी खाक है...!!

सुनो इस बार सावन में

बहुत रोया तुम्हारे बिन सुनो इस बार सावन में

चले आओ इधर भी तुम सुनो इस बार सावन में || १

Thursday, July 28, 2022

मेरी डायरी से P 8

क्लास इतिहास की हो और मैं सो जाऊं।।
ऐ हुस्न तेरी याद में मैं कुछ यूं खो जाऊं।।

जिंदगी P 8

 दो वक्त की रोटी ...

और ये समाज की खरी खोटी ...

वक्त से पहले इंसान बनाती हैं....!

जिंदगी P ७

देखा उसे कुछ ही पल हो...
मगर याद वो उम्र भर हो ...

भूल जाए क्या...??

 हमारे दिल पे क्या क्या गुजरी, अलामत भूल जाए क्या..!

उदासी, दर्द, रंज और गम, जलालत भूल जाए क्या..!!

Wednesday, July 27, 2022

जिंदगी P 6

 महफ़िल में चल रही थीं

हमारे कत्ल की तयारी ।।

हम पहुंचे तो वो बोले

बहुत लंबी उमर है तुम्हारी।।

मेरी डायरी से P 7

 मेरा दिल तमन्नाओं से खेल रहा हैं...

जीत मुमकिन नहीं...

और हार मंज़ूर नहीं ..!!

#_इश्क़

सांस लेने पर भी एक सजा आई हैं ।।
मौत का मौसम हैं नई वफा आई हैं।।

जान नहीं छोड़ती जान जाने तक,
ऐ इश्क तेरे टक्कर की बला आई हैं।।

Thursday, July 21, 2022

मेरी डायरी से P ६

 मैने कभी चाहा नही के..

मुझे कहीं करार मिले...!!

हम जब भी कही मिले...

बेकरार मिले ...!!

 रहने दो इन आंखों को सुर्ख लाल और नशीली सी...

वो ख्वाब है अगर तो देखने से ही गुजरेगा..।।

मेरी डायरी से

 नींद में भी गिरते हैं आंखों से आंसु..

तुम ख्वाब में भी मेरा साथ छोड़ देते हो...।।

मेरी डायरी से...

 तेरी फेंकी हुई चीज़े मुझे हजारों में मिलती हैं।।

तेरे बाद क्लास में उनकी नीलामी जो लगती हैं।।

ज़िन्दगी P५

 

तुम बेवफा हो तुमसे ही मुलाकात करेंगे।

शायाने इश्क जो न हो वो ही बात करेंगे ।।

रूश्वा जनुने शौक के जज्बात करेंगे ।।

जिक्र उस जफा शियार का दिन रात करेगें।।

A. सहनी 

ज़िन्दगी P३

अर्ज के मतलब को भी गीला समझते हैं ।

क्या कहा मैंने वो क्या समझते हैं ।।

सरे साहिल डूबो दिया हमको...

तुझे ऐ नाखुदा हम खुदा समझते हैं ।।