हमारे दिल पे क्या क्या गुजरी, अलामत भूल जाए क्या..!
उदासी, दर्द, रंज और गम, जलालत भूल जाए क्या..!!
हमने देर से सीखा, हुनर खुद पे भरोसे का,
बड़ी मुश्किल से सीखी है बात, बगावत भूल जाए क्या...!!
समय के साथ बदल जाते है सब रिश्ते,
कौन कितना बदला, हकीकत भूल जाए क्या..!!
नजरो से उतर जाते हैं, नहीं बस्ते दिलो में,
हमारे संग की हर, सियासत भूल जाए क्या...!!
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