Friday, July 29, 2022

सुनो इस बार सावन में

बहुत रोया तुम्हारे बिन सुनो इस बार सावन में

चले आओ इधर भी तुम सुनो इस बार सावन में || १


बताना अब हुआ मुश्किल छुपाना अब हुआ मुश्किल

तरस खाओ सनम अब तो सुनो इस बार सावन में || २


जहाँ गुजरे कभी न पल वहीं बरसों गुजारे हैं 

तुम्हारी राह में बैठे सुनो इस बार सावन में || ३


तुम्हें ही याद करतें हैं तुम्हारा नाम लेते हैं 

नहीं कुछ काम अब होता सुनो इस बार सावन में ||४


लाया है दिया मैंने तुम्हारी ही वफा का अब 

सुलगता जो मेरे दिल में सुनो इस बार सावन में ॥५


कभी आए हमारी याद तो एक खत लिख देना

 लगायेंगे उसे सीने सुनो इस बार सावन में ।।६


बिना देखे हुए तुमको गुजरते है प्रखर के दिन 

करो कोई जतन अब तो सुनो इस बार सावन में ।।७


महेन्द्र सिंह प्रखर

No comments: