Saturday, August 5, 2023

मैं नहीं को नहीं पढ़ पाता....

काश नहीं को, नहीं पढ़ पाता  !
मैं अक्सर सही को, नहीं पढ़ पाता !!

रोज़ रीझ में नए लेख लिखकर, मैं अपनी
लिखारियो के अक्सर, अक्षर नहीं पढ़ पाता !!

बहम की ख्वाहिश है जज्बो का भरम रखूं,
फिर इल्म में नहीं को नहीं पढ़ पाता !!

तहरीर से रिश्तों में पालिश करता हूं, मगर
नफे नुकसान में हासिल को नहीं पढ़ पाता !!

हंगामे, किनाफ, हनी ये उलझते मंज़र,
मैं ऐसे हादसे, ऐसे मंज़र को नहीं पढ़ पाता !!

 By :- Honey Kumar

Friday, August 4, 2023

मैं नहीं को नहीं पढ़ पाता...

काश नहीं को नहीं पढ़ पाता  ।

मैं अक्सर सही को नहीं पढ़ पाता ।।


रोज़ रीझ में नए लेख लिखता हूं, फिर

लिखरियो के अक्षर, अक्सर नहीं पढ़ पाता ।।


बहम की ख्वाहिश है जज्बो का भ्रम रखूं,

फिर इल्म में नहीं को नहीं पढ़ पाता ।।


तहरीर से रिश्तों में पालिश करता हूं, 

मगर नफे नुकसान में हासिल को नहीं पढ़ पाता ।।


हंगामे, किनाफ, ये उलझते मंज़र, 

हनी मैं ऐसे मंज़र को नहीं पढ़ पाता ।।


Written by :- Honey Kumar

मैं नहीं को नहीं पढ़ पाता...

 काश नहीं को नहीं पढ़ पाता 

मैं अक्सर सही को नहीं पढ़ पाता


रोज़ रीझ में नए लेख लिखता हूं

लिखरियो के अक्षर, अक्सर नहीं पढ़ पाता


बहम की ख्वाहिश है जज्बो का भ्रम रखूं,

फिर इल्म में नहीं को नहीं पढ़ पाता


तहरीर से रिश्तों में पालिश करता हूं, 

मगर नफे नुकसान में हासिल नहीं पढ़ पाता

Written by Honey A. Aawara

Friday, July 21, 2023

अपने हस्र-ओ-हाल पे रोना आता हैं ।

 अपने हस्र-ओ-हाल पे रोना आता हैं ।
ऐ जिन्दगी तेरे कमाल पे रोना आता हैं ।।

Monday, March 6, 2023

अब आरज़ू -ए राहते क़ल्बो नज़र गयी

मरहूम दिलके साथ हर उम्मीद मर गयी

क्या पूछते हो हमारी जवानी की दास्ताँ

एक मौजे बेक़रार थी आई गुज़र गयी

Tuesday, January 31, 2023

नाज़ुक हाथ, नरम कलाई, और जरा सा दिल,

मै अक्सर हस देता हूं उनके हाथ में चाकू देख कर

Saturday, January 28, 2023

 आपकी पांव की १ ठोकर से पलट(लोट) आयेगा ।

साहेब दर्द..., पहलू से जुदा होकर कहां जाएगा ।।

 वो ज़ख्म जो इलाज़ की हद से गुज़र गए हैं ।

वो..., वो तेरी नज़र के इशारों से भर गए हैं ।।