Monday, August 26, 2024

 अदा है ख़्वाब है तस्कीन है तमाशा है

हमारी आँख में इक शख़्स बे-तहाशा है


तुम्हारा बोलता चेहरा पलक से छू छू कर

ये रात आईना की है ये दिन तराशा है


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