Friday, July 19, 2019

ऐ जमी, अब अलविदा तेरे जहाँ को है।

ऐ जमी, अब अलविदा तेरे जहाँ को है। 



1. मेरा रास्ता अब, ऊपर जहाँ को हैं। 
ऐ जमीं अब, अलविदा तेरे जहाँ को हैं। 
मर तो कब का चूका हु बस अपनी 
रूह ढूँढू, पता है वो कहा को हैं। 

2. अब रोज़ शोदा कर तू, रूह का अशर्फ़ियों से 
कौन जाने तेरा पता कहाँ को हैं। 

3. मैं आदि हो जाओ तेरा,
मुझे ऐसी कोई वजहा तो दे ,
मेरी हर बात किसी वजहा को हैं। 

4. हर कोई यहाँ किसी चाहा को है।,
लें खुबशुरत नज़ारा अब, तेरी निग़ाह को हैं। 

5. मुझ से मेरी ग़ैरत पूछे है के ,
दिखा ज़रा तेरी ग़ैरत कहाँ को हैं। 

6. तू तो चल दिया मुँह को फ़ेर कर,
ज़रा देख तो मुड़के ,
के कितनी कमी तेरी, अब इस मकां को हैं। 

Dedicated to my cousin ''Monu''
Miss You.
Written by :- Honey A. Dhara
July 20, 2019
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