दोस्तों के बगैर मेरा ये जहान,
मेरा जहान थोड़ी हैं ।
दोस्तों के बगैर मेरा ये जहान,
मेरा जहान थोड़ी हैं ।
और दोस्त तेरा मजबूरी में काम आना,
ये दोस्ती में ऐहसान थोड़ी हैं ।
और रखी है अल्हेदा जगहा तेरी दिल में,
ऐ दोस्त कोई तुझे निकाल के तो दिखाये,
ये दिल है मेरा दिल, किसी के बाप का घर - मकान थोड़ी हैं ।
और जमाना मिसाल दे हमारी दोस्ती इसकी मोहताज नहीं,
तू जानता है मुझे, मैं जानता हूँ तुझे हनी . .
हम 'आवारा' है, पर एक दूसरे से अंजान थोड़ी हैं ।
Written by :- Honey A. Dhara
December 21 , 2019
December 21 , 2019
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