Saturday, December 21, 2019

आजमाने चला हूँ. . .


के मैं सर्दी को चादर मेें कैद करने चला हूँ।

मैं अपनी हैसियत से बड़ा काम करने चला हूँ। वैसे मैं बखुबी जानता हूँ पैरो के अबालो का इलाज़, मैं बचपन का हुनर, जवानी में आजमाने चला हूँ।...



Written by :- Honey A. Dhara
December  21 , 2019
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