तेरी जुदाई के आगे तो
ये काली रात कुछ भी नहीं हैं।
और जिस बात पर तू रूठी है ,
असल में वो बात कुछ भी नहीं हैं।
चलो माना मेरी हस्ती, मेरा वजूद फ़ानी है,
और मेरा औकात कुछ नहीं हैं।
ये अदाएं, ये सक्ल, ये सुरत ,
ये तेरा इतराना, सब वक़्त की बात है,
वार्ना इनके अलावा तुझमे और कुछ बात नहीं हैं।
Written by :- Honey A. Dhara
November 24 , 2019
November 24 , 2019
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