Wednesday, August 10, 2022

तेरे बगैर...

तेरी याद के सिवा कोई काम नहीं।
दिले बीमार को अब आराम नहीं।।

कैसे कर लू जिक्र किसी और का मैं,
तेरे नाम से बेहतर कोई नाम नहीं।।

बोतल में कैद नशे को पीना है मज़बूरी,
मगर आंखों के मय (नशे) जैसा कोई जाम नहीं।।

घर में, गली में, कोई बाजार में होगा, 
ऐसा कोई नहीं होगा जो बदनाम नहीं।।

झूठ बिकता है यहां, लगे दाम ऊंचे,
सच का तो यहां कोई दाम नहीं।।

मैंने पुकारा ना हो तुझको दिल से हनी,
ऐसी कोई सुबह नहीं, शाम नहीं।।

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