Monday, August 15, 2022

आज़ाद होता हैं

कही मंसूर होता है कही फरहाद होता हैं ।।

कैद ऐ मोहब्बत से हनी कोई कहा आजाद होता हैं।


कही तकमील हो मेरे फशाने की तो कैसे हो,

वहीं से भूल जाता हूं जहा से याद होता हैं ।।


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